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उमराह में बाल हलक़ करने के पहले एहराम निकाल देना।
हज के तीसरे दिन क़ुरबानी करने के पहले एहराम निकालना
रमी जमरात(शैतान को कंकरी) मारते वकत बगैर शरई वजह के दुसरे को वली तय करना।
मदीना में जमात से नमाज़ पढ़ते वक़्त इमाम से आगे खड़े रहना।
मस्जिद क़ुबा में इशराक की नमाज़ सूरज निकलने से पहले पढ़ना।
मस्जिद में फ़ोन साइलेंट पर न रखना।
मर्द/औरतों का गैर-मेहरम मर्द/औरतों के साथ बे-तक्कलुफ़ हो कर बातें करना।
तवाफ़ के दौरान न-मेहरम से बदन टच होने से बचें।
गैर कानूनी काम करने से बचें जिस से मुल्क और क़ौम का नाम ख़राब हो।
रियाज़ उल जन्नः का फेक/झूठी अपॉइंटमेंट न लें।
काबे के ग़िलाफ़ को खुशबु लगी होती है , ग़िलाफ़ को एहराम की हालत में छूना/हाथ लगाना।
मर्द एहराम की हालत में बैठते उठते वक़्त अपने शर्म गाह और प्राइवेट पार्ट्स न दिखें , ये ख्याल रखें।
काबे के तवाफ़ के वक़्त या अल्लाह के नबी के रोज़े पर सलाम पेश करते वक़्त सेल्फी, वीडियो रिकॉर्डिंग और वीडियो कालिंग में लगे रहना।
हर वक़्त वीडियो कालिंग में लगे रहना।
उमराह /तवाफ़/हज होते ही फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने लगना।
हज के चौथे और पंच्वे दिन ज़वाल (जोहर कि नमाज के वक्त) के पहले तीनो शैतान को कंकारी मारन। हनाफी मसलाक के मुताबिक शैतान को कंकारी मारने का वक्त ज़वाल के बाद शुरु होता है और दुसरे दिन सुबह सदीक (फजर के वक्त शुरु होने के पहले तक) रहता है। https://darulifta-deoband.com/home/ur/hajj-umrah/173292
तंदरुस्त और चलने फिरने वाली औरतों का बगैर किसी शरई वजह के नमाज़ बैठ कर पढना।
तंदुरस्त मर्द और औरत के लिए तवाफ़ के लिए व्हीलचेयर के इस्तेमाल करना।
Video Title 1: सेल्फी कल्चर