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उमराह की नियत से गुसल या वज़ू करना।
मीक़ात पर या मीक़ात से पहले एहराम पहनना। (पहला फ़र्ज़)
२ रकत नफिल नमाज़ पढ़ना।
नियत करना और तलबिया पढ़ना(तवाफ़ शुरु करने तक तलबीया पढ़ते रेहना। मर्द ज़ोर से और औरत आहिस्ता)।
इंडिया से सऊदी जाते वक़्त फ्लाइट में बैठने के बाद नियत करें और तलबिया पढ़ें। नियत और तलबिया के लिए वज़ू ज़रूरी नहीं है।
काबे का तवाफ़ करन। (दूसरा फ़र्ज़)
तवाफ़ के बाद २ रकत नमाज़ पढ़ना और ज़मज़म पीना
सफा मरवा सई करना।(पहला वाजिब)
सर के बाल हलक़ करना।(दूसरा वाजिब)
मर्दों के लिए पूरे सर के बाल निकालना
औरतों को अपने सर के बाल ऊँगली पर लपेट कर, ऊँगली पर आये हुवे बाल काटना।
एहराम उतारन।
नोट -
उमराह में २ फ़र्ज़ है और २ वाजिब
सर के बाल निकालने के बाद ही एहराम उतरना है , वरना दम वाजिब हो जायेगा।
एक दिन में एक से ज़्यदा मर्तबा भी उमराह कर सकते हैं।
सर के बाल निकालने के लिए WC03 के पास अलसफा टावर, दूसरी मंज़िल पर दुकानें हैं।
हज के सफर में आपको मक्काः पहुंचते ही उमराह करना है।
मर्द औरतें साथ हों तो नमाज़ के टाइम के दरमियान उमराह न करें तो बेहतर है। हरम में नमाज़ के लिए औरतों की नमाज़ पढ़ने की जगह अलग है तो बिछड़ने/गुम हो जाये के चान्सेस हैं।
पेहला उमराह करने के वक़्त होटल पर आराम कर लें। उमराह में जिस्मानी ताक़त लगती है।
फिर से उमराह करना हो तो मीक़ात से एहराम बांधे।
एक दिन में आप अपनी जिस्मानी ताक़त के मुताबिक़ , जितने चाहे उतने उमराह कर सकता है।
हर मर्तबा उमराह करने पर बाल हलक़ /निकालना है।
उमराह शुरू करने के लिए आपको नीचे दी हुवे जगह (मीक़ात) में से एक पर जाना होग। यहाँ से उमराह की नियत करें और २ रकत नफिल पढ़ें।
मस्जिद आयेशा - हरम से बस चलती है -
जुराना - हरम से बस चलती है।
ताइफ़ - (करन-उल -मनाज़िल)तकरीबन ८० कम दूर है, आपको अपने खर्च पर जाना होग।
मदीना - ज़ुल हुलाइफ़ा
मस्जिद हरम से मस्जिद आयेशा बस फ्री में चलती थी, अब इसके ४ रियाल किराया लिया जाता है।
Video Title 1: जुराना https://youtu.be/KZbVMH9cbjw
Video Title 2: एक से ज़्यदा उमराह: https://youtu.be/CkY90F14fBw
Video Title 3: 4 रियाल : https://youtu.be/su0ZLJOAhds
Video Title 4: मस्जिद आयेशा: https://youtu.be/kqyQCCE4xWQ
Video Title 5: एक से ज़्यदा उमराह : https://youtu.be/o8UBuJCQiUg