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काबे की तामीर सब से पहले हज़रत आदम (अ) ने की।
फिर बाद में हज़रत नूह (अ) और हज़रत इब्राहिम(अ) और हज़रत इस्माइल(अ) ने तामीर की।
काबा सऊदी अरब के शहर मक्काः में है।
काबे के अतराफ़ ही तवाफ़ होता है।
काबे के तरफ रुख करके दुन्या में हर जगह नमाज़ पढ़ी जाती है।
काबे में हज्रे अस्वद नाम का एक पत्थर लगा हुवा है , हजर के मानी पत्थर और असवद के मानी काला।
अब इस पत्थर के कुछ टुकड़े ही बाकि है।
हज्रे अस्वद से तवाफ़ शुरू करना है।
काबे के सामने एक सुनेहरी जाली को मक़ामे इब्राहिम कहते हैं, यहाँ तवाफ़ के बाद (अगर भीड़ न हो तो) २ रकत नमाज़ पड़नी है।
काबे के अतराफ़ के इलाक़े को मताफ़ कहते हैं।
मताफ़ में एक ख़ास क़िस्म की फर्श बिछी है जिस से धुप में गर्मी के एहसास नहीं होता है।
काबे के ग़िलाफ़ को किस्वा कहते हैं।
मक्काः में किस्वा फैक्ट्री है जिसमें ये ग़िलाफ़ बनाया जाता है।
किस्वा साल में एक मर्तबा बदला जाता है, इस्लामी नया साल (एक मुहर्रम) शुरू होने पर ईशा की नमाज़ के बाद ।
जो हाजी हज के नज़दीक की फ्लाइट से जाते हैं उन्हें काबे का ग़िलाफ़ बदलते हुवे देखने मौक़ा का मिल सकता है।
मक्काः और मदीना दोनों जगह की मस्जिद को हरम ही कहते हैं, और दोनों एक साथ बताना है तो हरमैन कहते हैं।
मस्जिद हरम मक्काः में छोटे बड़े मिला कर टोटल २१० गेट/दरवाज़े हैं।
कुछ बड़े गेट हैं , जो मशहूर हैं, गेट अब्दुल अज़ीज़, सलाम, फतह , फहद , उमराह वगैरा
मस्जिद के बहार लेडीज और जेंटस वॉशरुम हैं, जिन्हे WC नंबर दिए गए हैं।
क्लॉक टावर और सफा टावर WC नंबर ३ के क़रीब है।
फ़ूड कोर्ट,उमराह करने के बाद बाल निकालने (हलक़ करने) के लिए सफा टावर में दूसरी मंज़िल पर दुकानें हैं। यहाँ शॉपिंग भी कर सकते हैं।
हरम से सऊदी हुकूमत की बस भी चलती है , मस्जिद आयेशा जाने और वापसी के लिए भी बस चलती है।
हरम में पुलिस आपको एक जगह ज़्यदा देर रुकने नहीं देंगी। अगर आपको नमाज़ पढ़नी है या दुआ मांगनी है तो ऐसे जगह रुकें जहाँ से आपको पुलिस हटा न दें।
मस्जिद हरम में बैठने के लिए कुर्सियां आपको वहीँ मिल जाएँगी
इब्राहिम खलील रोड (WC-07 से) पर होटल्स और शॉप्स हैं
मस्जिद हरम में नमाज़ियों के सामने से गुज़रने की इजाज़त है।
मस्जिद हरम से लग कर ही सफा मरवा पहाड़ी है , पहाड़ी के एक छोटा सा हिस्सा ही दिखाई देता है।
मस्जिद हरम में इलेक्ट्रिक सीढ़ियां भी हैं, इस पर चढ़ने और उतरने की पहले से प्रैक्टिस कर लें।
मस्जिद में जगह जगह ज़मज़म पानी के कैन रखे होते हैं।
मस्जिद हरम में अक्सर हर नमाज़ के बाद जनाज़ेह की नमाज़ होती है , कभी कभी एक से ज़्यदा मर्तबा होती है। जनाज़ेह की नमाज़ का तरीक़ा सीख लें। और दुवा भी याद कर लें।
औरतें जमात के साथ नमाज़ पढने का तरीका और मसाईल सिख लिजिए।
साफ़ सफाई करने वालों को हिंदी, उर्दू ज़बान अति है।ज़रुरत पड़ने पर आप उनसे पूछ सकते हैं।
पुलिस को सिर्फ अरबी ज़बान आती है।
मौलाना मक्की हिजाज़ी का उर्दू दरस, बयान - हर सनीचर, इस्तवार और पीर , गेट नंबर 86 , पहला मंज़ला
हरम में गुम हो जाने पर सब से पहले परेशान न हो (खास तौर पर औरतें), एंड्राइड फ़ोन चलाना सीखें।
किसी गेट नंबर, या हरम के अंदर के मक़ामात या WC को तय कर लें जहाँ मिल सकते हैं।
गेट डोर मस्जिद नबवी में २ तरह के गेट हैं , बाहरी (गेट) और अंदरूनी (डोर)। बहार के गेट नंबर सीरीज ३०० से हैं। अंदर के गेट नंबर १-२-३ से हैं
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मदीना में मस्जिद नबवी में मिम्बर और अल्लाह के नबी के घर के दरमियान की जगह रियाजुल जन्नः कहलाती है।
यह दुन्या में जन्नत की जगह है।
यहाँ नमाज़ पढ़ने के लिए नीचे दिए हुवे मोबाइल ऍप के ज़रया बुकिंग करना है।
मोबाइल ऍप में वीज़ा और पासपोर्ट नंबर से रजिस्ट्रेशन करना है।
रियाजुल जन्ना में जाते वक़्त मोबाइल अपॉइंटमेंट दिखाना है।
औरतों के लिए गेट नंबर 32 ya 37 से ईशा की नमाज़ के बाद वक़्त मिलता है। वापसी भी इसी गेट हो होगी
रियाजुल जन्नः में अक्सर सिर्फ १० मिनट वक़्त मिलता है, कभी ज़्यदा भी मिल सकता है । अगर पुलिस बाहर करदे तो आप टाइम स्लॉट में वापस से जा सकते हैं।
मदीना जाने से पहले वीसा नंबर मिलते ही अपॉइंटमेंट ले लें।
बुक करते वक्त रोज़ा सेलेक्ट करना है।
अगर WI-FI से रजिस्ट्रेशन न हो तो मोबाइल डाटा से ट्राई करे।
हर एक शख्स को अपने फ़ोन से अपना अपना अपॉइंटमेंट लेना है। ग्रुप बुकिंग नहीं होती है।
अगर अपॉइंटमेंट नहीं मिले तो रोज़ाना ऍप चेक करते रहें और ट्राई करते रहें।
जिस वक़्त का भी अपॉइंटमेंट है , उस से आधा घंटा पहले आप पहुंचे।
एक मर्तबा रियाज़ उल जन्नः जाने के बाद अगली मर्तबा एक साल बाद जा सकते हैं। फेक या किसी और की अपॉइंटमेंट पर जाने से बचें।
साथ में चप्पल के लिए बैग ले लें।
मोबाइल ऍप लिंक -
Nusuk App registration: https://youtu.be/-Z-9n7hEM1o
Riyazul Jannah mein kaise jaaye: https://youtu.be/75n2u5sSEew
Nusukh App Guide PDF: https://drive.google.com/file/d/1xatANY0j3r2bMn2L71zkInN3UlVbMeAE/view?usp=drive_link
जन्नत -उल-मुअल्ला क़बरस्तान - अल्लाह के नबी के खानदान वाले यहाँ दफ़न हैं, हज़रात खदीजा (र) , अबू तालिब वगैरा । मस्जिद हरम के नज़दीक है , पैदल जा सकते हैं।
मस्जिद जिन - जीनों ने अल्लाह का नबी का क़ुरान सुना और इस्लाम क़ुबूल किया। मस्जिद हरम के नज़दीक है , पैदल जा सकते हैं।
मस्जिद नीमरा - साल में सिर्फ एक दिन खुलती है , हज के दूसरे दिन। आधार हिस्सा अराफात में आधा मिना में। हज के दूसरे दिन यहाँ ज़ोहर असर मिला कर अदा होती है।
गार-ए हिरा - यहाँ अल्लाह के नबी नुबूवत मिलने के पहले इबादत किया करते थे और क़ुरान की पहली आयात यहीं नाज़िल हुवी। ऊपर चढ़ने एक घंटा और उतरने ४५ मिनट लगते हैं, सही वक़्त जाने के लिए फज्र बाद है।
गार-ए सौर - मक्काः से मदीना हिजरत के वक़्त यहीं ३ दिन रुके थे।
कस्वा फैक्ट्री - काबे के ग़िलाफ़ किस्वा फैक्ट्री
हुदैबिया - यही वो मक़ाम है जहाँ से अल्लाह के नबी और सहाबा को उमराह करने नहीं दिया गया और मदीना वापस जाना पड़ा , सुलह हुदैबिया यहीं हुवी थी।
अज़ीज़िया - यहाँ पर इंडिया हज कमिटी के हाजी रहते हैं।
मिना, मुज़दलफा , अराफात - हज के मक़ामात, रमी जमरात - शैतान को कंकरी मारने की जगह
जबल रहमा- यहाँ पर अल्लाह के नबी ने हज का खुत्बा दिया था।
ककिया मार्किट - शॉपिंग के लिए, हरम से टैक्सी लेना होगा
ज़ुबैदेह कनाल - हाजियों को पानी की सहूलत के लिए यह 35km कैनाल ,हारुन रशीद बादशाह की बीवी ज़ुबैदेह ने ये कनाल बनायीं थी ,
Makkah ke Maqamaat PDF: https://drive.google.com/file/d/1Y5tUnQpcF1s8ccLcZwrlqWM_dYNlXoK_/view?usp=sharing
Top 20 places in makkah: https://youtu.be/6ELWQZba4WE
Gaar E Hira - Jabal E Noor (Important Tips): https://youtu.be/4tCWb-AXdNo
Bachcho ke liye chocolates aur Khajoor kaha se len: https://youtu.be/cUXGCP9b5W8
जन्नतुल बक़ी - मस्जिद नबवी से लग कर क़ब्रस्तान , फज्र और असर बाद ,गेट नंबर 364, 365
मस्जिद क़ुबा - २ रकत नफिल नमाज़ का सवाब हज और उमराह के बराबर है। अगर फज्र के बाद जा रहे तो मकरूह वक़्त (सूरज निकलने) के बाद नमाज़ पढ़नी है। पैदल जा सकते हैं या २ रियाल टैक्सी से जा सकते हैं
मस्जिद घमामा
मस्जिद बिलाल - मस्जिद की बिडलिंग में और पीछे काफी शॉपिंग की दुकानें हैं,और खाने के होटल भी हैं।
ओहद पहाड़ - ओहद की जंग हुवी
मस्जिद क़िबलातेंन - २ क़िब्ले वाली मस्जिद।
बद्र -
80km, आपको खुद से जाना है , टैक्सी वाले एक आदमी का ४० रियाल तक लेंगे। रास्ते में २ कुवें भी लगते हैं।
मक्काः से मदीना के दरमियान २ रस्ते हैं, बद्र पुराने रस्ते पर लगता है और अक्सर गाड़ियां नए रस्ते पर चलती हैं।
वादी जिन - यहाँ भी आपको खुद से जाना है।
फज्र बाद मस्जिद नबवी के बाहर ज़ियारत की गाड़ियां लगती हैं। बैठने ले पहले ज़ियारत का मक़ामात पूछ लें।
मस्जिद नबवी (हरम) के कंपाउंड में २ म्यूजियम
शॉपिंग में आप खजूर ले सकते हैं , अज्वा (३५ रियाल से स्टार्ट है), कलमी (१५ रियाल में) वगैरा
मदीना से इंडिया खजूर एक्सपोर्ट न करें , कभी कभी क्वालिटी में फर्क आता है।
Madina ke Makamaat PDF: https://drive.google.com/file/d/1Y5tUnQpcF1s8ccLcZwrlqWM_dYNlXoK_/view?usp=drive_link
Top 14 Places to visit in Madina: https://youtu.be/g4Qr_YViyV8
अज़ीज़िया मस्जिद हरम से तक़रीबन 5km दूर है।
अज़ीज़िया हुदुद-ए-हरम में आता है।
अक्सर हज कमिटी से जाने वाले हाजियों को यहीं रुकाया जाता है।
हज कमिटी लोकल अरबियों के बिल्डिंग के साथ हज के महीनों के लिए एग्रीमेंट करती है।
हज के महीनों के बाद साल भर ये बिल्डिंग खाली रहती हैं।
एक बिल्डिंग में तकरीबन २०० हाजी रहते हैं।
अज़ीज़िया से मस्जिद हरम जाने के लिए २ बस बदलनी पड़ती है। २४ घंटे बस सर्विस होती है।
अज़ीज़िया से जमरात बस स्टॉप और जमरात बस स्टॉप से हरम
जुमा के दिन सुबह ९ बजे से जुमा नमाज़ तक बस बंद होती हैं।
अज़ीज़िया से जुमा के दिन हरम में नमाज़ पढ़ने के लिए सुबह ८ बजे के आस-पास आपको निकलना होगा।
ट्रैफिक के हिसाब से २० मिनट से लेकर १ घंटा तक लग सकता है।
आपके बिल्डिंग का नज़दीकी बस स्टॉप नंबर, गूगल लोकेशन और लैंडमार्क नोट कर लें।
रूम में परदे के इंतेज़ाम आपको खुद करना है। मर्दों औरतों कमरे अलग नहीं होते हैं।
हर बिल्डिंग में नमाज़ पढ़ने के लिए इबादत खाने होते हैं। और क़रीब में भी मस्जिद होती है।
एक कमरे में ४-६ या कभी कभी ९ लोगों को रखा जाता है।
रूम में वाई-फाई होता है।
बाहर रास्तों पर सिम कार्ड के स्टॉल होते हैं।पासपोर्ट नंबर दिखाने पर नया सिम कार्ड मिलजायेगा।
हर एक कमरे का अलग से किचन और बाथरूम और वाशिंग मशीन होता है।
इंडियन टॉयलेट नहीं होते हैं , कमोड (इंग्लिश) टॉयलेट होते हैं।
किचन में फ्रिज भी होता है।
होटल के बहार आपको इंडियन/पाकिस्तानी/बांग्लादेशी रेस्टोरेंट भी मिल जायेंगे।
हर बिल्डिंग के लिए एक इंडियन गवर्नमेंट का खादिम होता है, इनका नंबर आप सेव कर लें।
हज खादिम अपने खर्च पर नहीं आते।
हज खादिम को इंडियन गवर्नमेंट हाजियों की खिदमत के लिए भेजती है और इसके लिए खादिम को अलग से पैसे भी मिलते हैं।
हर बिल्डिंग को हज कमिटी की ऑफिस भी होती है।
हज कमिटी की तरफ से फ्री में हॉस्पिटल और मेडिकल भी होता है ।
आप हरम के नज़दीक अपने खुद के खर्चे पर रह भी सकते है। हज के दिनों के पहले और मदीना जाते वक़्त आप अज़ीज़िया वापस आजायें।
मदीना में होटल में पकाने का इंतज़ाम नही होता है। आपको बाहर होटल में ही खाना है।
अगर आप कर सके तो कुछ जानकर मर्द और औरतें मिल कर अपने बिल्डिंग में हाजियों (मर्दों और औरतों) में नमाज़ का तरीक़ा, क़ुरान और दुवाएं वगैरा सीखने के हलके लगाएं।
मक्काः से मदीना 640 km की दूरी है।
मदीना में अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के रोज़े पर सलाम पेश करना है। हो सके तो रोज़ाना सलाम पेश करें। नुसुक एप की ज़रूरत नहीं है।
गेट नंबर 1 , बाब-उस-सलाम
औरतों के लिए सलाम पेश करने का वक़्त फज्र और ईशा बाद है , गेट नंबर 32 से।
सलाम पेश करते वक़्त सेल्फी, वीडियो कॉलिंग/रिकॉर्डिंग से परहेज़ करें।
5 नमाज़ें जमात से पढ़ना।
रियाजुल जन्नः में नमाज़ पढ़ना
मदीना शहर की ज़ियारत
मस्जिद क़ुबा में नमाज़ पढ़ना
शॉपिंग - अगर करना हो तो