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औरतों का एहराम उनके रोज़ाना के कपडे ही हैं।
एहराम के हालत में चेहरा खुला रखना है।
अगर चेहरा ढांकना है तो धुप की टोपी जैसे टोपी इस्तेमाल करके , ऊपर एक कपडा दाल दें
उमराह और हज के दिनों में माहवारी आजाए तो नमाज़ नहीं पढ़नी है और मस्जिद में करने वाले अमाल नहीं करने हैं (तवाफ़ और साफा मरवा सई),एहराम की पाबंदिया जारी रहेंगी।
इंडिया से जाते वक्त और उमराह करने के पहले किसी भी वक्त माहवारी आजाए तो उमराह नही करना है। पाक होने के बाद बगैर खुशबु वाले साबुन से गुसुल करके उमराह करना है।
हज के ५ दिनों में माहवारी के वक़्त तवाफ़ ज़ियारत न कर सकें तो हज के बाद कर लें।
हज के बाद वापसी की फ्लाइट या मदीना जाने की वजह से
तवाफ़-ज़ियारत का वक़्त न मिले तो माहवारी की हालत में ही तवाफ़ करना है और गाये या ऊँट की क़ुरबानी देना है।
तवाफ़-वदा का वक़्त न मिले तो तवाफ़-वदा नहीं करना है।
डॉक्टर की सलाह से माहवारी रोकने वाली दवाईओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
औरतों के लिए हर नमाज़ मस्जिद-हरम में जा कर जमात के साथ पढ़ना ज़रूरी नहीं है, वो चाहे तो अपने रूम में भी नमाज़ पद सकती है
टैक्स में अकेले न रहें। पहले मर्द टैक्स में जाए और उतरते वक्त मर्द आखिर में उतरे।
औरतें जमात से नमाज़ और जनाज़ेह की नमाज़का का तरीक़ा सीख लें।
तंदुरस्त औरतों के लिए बैठ का नमाज़ पढ़ने से नमाज़ नहीं होगी।
अगर आपको व्हीलचेयर की ज़रुरत है तो आप इंडिया से भी व्हीलचेयर साथ में ले सकते हैं, ये आपके बैगेज वज़न से अलग होता है।
हज कमिटी ब्रांच ऑफिस से २५० रियाल डिपोसिट दे कर कर व्हीलचेयर ले सकते हैं।
नयी व्हीलचेयर ३०० रियाल में मिलेगी
मक्काः और मदीना में सिर्फ मस्जिद के लिए फ्री व्हीलचेयर मिलती हैं।
सिर्फ तवाफ़ और सफा मरवा सई के लिए इलेक्ट्रिक चेयर भी मिलती है जिसे आपको खुद से चलाना/ऑपरेट करना होता है। ये एक पेड सर्विस है।
तवाफ़ और सफा मरवा के लिए व्हीलचेयर धकेलने के लिए भी पेड सर्विस होती है।
व्हीलचेयर इस्तेमाल करने पर मताफ़ में एंट्री की इजाज़त नहीं है।
सेहत मंद शख्स के लिए तवाफ़ और सफा मरवा के लिए व्हीलचेयर का इस्तेमाल दुरुस्त नहीं है। ऐसा करने से दम वाजिब होगा।
मक्काः में बाब-उस-सलाम गेट पर फ्री व्हीलचेयर मिलेगी